GST काउंसिल की बैठक शुरू, फ्लैट सहित ये चीजें हो सकती हैं सस्ती
आज गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (GST) काउंसिल की अहम बैठक सुबह 10:30 बजे दिल्ली में होगी. बैठक में सर्विस सेक्टर, एमएसएमई को बड़ी राहत मिल सकती है.

आज गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (GST) काउंसिल की अहम बैठक सुबह 10:30 बजे दिल्ली में होगी. बैठक में सर्विस सेक्टर, एमएसएमई को बड़ी राहत मिल सकती है.
गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (GST) काउंसिल की 32वीं बैठक सुबह 10:30 बजे दिल्ली में शुरू हो गई है. बैठक में सर्विस सेक्टर, एमएसएमई को बड़ी राहत मिल सकती है. साथ ही, फ्लैट सहित कई चीजों पर टैक्स की दरें कम होने की उम्मीद है. बैठक में अंडर कंस्ट्रक्शन फ्लैट-मकानों पर GST दर को घटाकर 5 फीसदी करने पर विचार हो सकता है. इससे पहले जीएसटी काउंसिल ने 22 दिसंबर को अपनी पिछली बैठक में 28 फीसदी के टैक्स स्लैब को और तर्कसंगत बनाते हुए 26 वस्तुओं व सेवाओं पर टैक्स की दर कम कर दी थी. वित्त मंत्री अरुण जेटली की अध्यक्षता वाली जीएसटी परिषद की यह 32वीं बैठक होगी. जीएसटी काउंसिल में राज्यों के वित्त मंत्री शामिल हैं.
देश की सबसे बड़ी दोपहिया वाहन निर्माता हीरो मोटोकॉर्प के बाद अब टीवीएस मोटर्स ने भी अब दोपहिया पर GST दर घटाने की मांग की है. उनकी डिमांड है कि बाइक और स्कूटर पर GST दर को घटाकर 18 फीसदी कर दिया जाए. अभी दोपहिया वाहन पर 28 फीसदी GST लगता है. अगर सरकार यह रियायत देती है तो दोपहिया वाहनों की कीमत घट जाएगी.
बैठक में छोटे कारोबारियों को बड़ी राहत देने की तैयारी है. दिसंबर की जीएसटी वसूली उम्मीद से कम रही है. नवंबर के मुकाबले दिसंबर में टैक्स कलेक्शन 97,640 करोड़ रुपये से गिरकर 94,700 करोड़ रुपये रह गया है. टैक्स कलेक्शन में गिरावट के पीछे मुख्य वजह कई बड़े राज्यों से वसूली घटाने को बताया जा रहा है|.
देश की सबसे बड़ी दोपहिया वाहन निर्माता हीरो मोटोकॉर्प के बाद अब टीवीएस मोटर्स ने भी अब दोपहिया पर GST दर घटाने की मांग की है. उनकी डिमांड है कि बाइक और स्कूटर पर GST दर को घटाकर 18 फीसदी कर दिया जाए. अभी दोपहिया वाहन पर 28 फीसदी GST लगता है. अगर सरकार यह रियायत देती है तो दोपहिया वाहनों की कीमत घट जाएगी.
बैठक में छोटे कारोबारियों को बड़ी राहत देने की तैयारी है. दिसंबर की जीएसटी वसूली उम्मीद से कम रही है. नवंबर के मुकाबले दिसंबर में टैक्स कलेक्शन 97,640 करोड़ रुपये से गिरकर 94,700 करोड़ रुपये रह गया है. टैक्स कलेक्शन में गिरावट के पीछे मुख्य वजह कई बड़े राज्यों से वसूली घटाने को बताया जा रहा है|.